यदि आप यह जानना चाहते हैं कि 1971 के पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में विशाखापट्टनम के पास समुद्र के अंदर किस तरह पाकिस्तानी समुद्री बेडे़ के जहाज पीएनएस गाजी को डुबाया गया था, तो फिल्म ‘‘द गाजी  अटैक’’ को जरुर देखना चाहिए. फिल्म शुरू से अंत तक बांधकर रखती है, मगर जिन्हे सिर्फ मनोरंजन चाहिए, उन्हे यह फिल्म निराश कर सकती है.

सर्वविदित है 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान विशाखापट्टनम के पास पाकिस्तानी जलयान ‘‘पीएनएस गाजी’’ डूबा था. पर उस वक्त भारतीय जलसेना ‘एस 21’ जहाज पर सवार थी. यानी कि नेवी और इस जहाज पर सवार पाकिस्तानियों के बीच क्या हुआ था, इसका सच किसी को पता नहीं है. क्योंकि इस मसले से जुड़ी सभी फाइलें क्लासीफाइड हैं. उस जलयान की अनकही कहानी को अब तीन भाषाओं की फिल्म ‘‘गाजी’’ में लेकर आए हैं फिल्मकार संकल्प रेड्डी.

हिंदी, तेलगू व तमिल इन तीन भाषाओं में बनी 1971 युद्ध के समय विशाखापट्टनम के पास डूबे पाकिस्तानी जलयान ‘‘पीएनएस गाजी” की अनकही कहानी और भारतीय जल सेना यानी कि नेवी के वीरों की दास्तान बयां करने वाली फिल्म ‘‘द गाजी अटैक’’ की कहानी है 1971 की. जब आज का बांगलादेश, पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था. मगर पूर्वी पाकिस्तान के नेता मुजीबुर रहमान की अगुवाई में हुए आंदोलन व युद्ध के बाद वह आजाद होकर बांगलादेश बन गया था.

उसी युद्ध में जब पाकिस्तानी सेना पूर्वी पाकिस्तान के बागियों पर कारवाही करती है, तभी खबर आती है कि समुद्र के रास्ते पाकिस्तान के पीएनएस गाजी से भारत के आईएनएस विक्रांत पर हमला किया जाने वाला है. भारतीय नौ सेना प्रमुख वी पी नंदा (ओम पुरी) इस सच को जानने के लिए ‘‘सर्च’’ अभियान के तहत ‘एस 21’ नामक पनडुब्बी को भेजते हैं. इस पनडुब्बी के कैप्टन रणविजय सिंह (के के मेनन) व लेफ्टीनेट कमांडर अर्जुन वर्मा (राणा डग्गू बटी) व देवराज (अतुल कुलकर्णी) हैं.

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