‘गिप्पी’ करण जौहर की पिछली फिल्म ‘स्टुडैंट औफ द ईयर’ का एक्सटैंशन लगती है. फिल्म की कहानी निर्देशिका सोनम नायर ने ही लिखी है. गुरप्रीत कौर उर्फ गिप्पी (रिया विज) शिमला में अपनी मां पप्पी (दिव्या दत्ता) और?भाई के साथ रहती है. उस के पिता दूसरी शादी करने वाले हैं. वह मोटी है, पढ़ाई में फिसड्डी है, 9वीं कक्षा में पढ़ती है. उस का कोई ब्रौयफ्रैंड भी नहीं है. शम्मी कपूर पर फिल्माए गए गाने सुनना और उन गानों पर डांस करना उसे अच्छा लगता है. कक्षा में रोजाना उसे अपनी सहपाठी समीरा (जयती मोदी) से चुनौती मिलती रहती है. एक दिन गिप्पी की मुलाकात अपने से बड़े लड़के अर्जुन (ताहा शाह) से होती है. वह उसे अपना बौयफ्रैंड समझने लगती है लेकिन एक झटके में ही उस की यह गलतफहमी दूर हो जाती है. स्कूल में उसे समीरा से हैडगर्ल बनने की चुनौती मिलती है, जिसे वह स्वीकार कर लेती है. वह हैडगर्ल बन भी जाती है लेकिन उसे लगता है कि वह जैसी है ठीक है. वह खुल कर जीना चाहती है. इसलिए वह हैडगर्ल का खिताब समीरा को दे देती है.
फिल्म की यह कहानी एकदम सीधीसपाट है. कहीं कोई टर्न और ट्विस्ट नहीं हैं. फिल्म की गति भी काफी धीमी है. फिल्म का निर्देशन अच्छा है. फिल्म की खासीयत यही है कि निर्देशिका ने गिप्पी को शरीर से तो यंग दिखाया है, मगर उस की बातें तौरतरीके बच्चों वाले दिखाए हैं. अपने कमरे का दरवाजा बंद कर के शम्मी कपूर पर फिल्माए गए गानों पर उस का डांस करना अच्छा लगता है. लेकिन उस की संवाद अदायगी काफी कमजोर है.