जंगल बुक के किस्से हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा रहे हैं. मोगली, बालू, बखीरा, का और शेर खान भारतीय दर्शकों के प्रिय पात्र हैं. इस पर टीवी सीरियल भी बन चुके हैं. मगर यह फिल्म उस टीवी सीरियल से थोड़ी अलग और ज्यादा रोचक व मनोरंजक है. ‘‘आयरन मैन’’ फेम निर्देशक जोन फेवरीव की फिल्म ‘‘द जंगल बुक’’ में फोटो रियिलिस्टिक, जानवरों और वातावरण का सजीव मिश्रण है. इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया है.

फिल्म ‘‘द जंगल बुक’’ शावक भेडि़यों के परिवार द्वारा पालन पोषण किए गए मोगली (नील सेठी) के स्वयं की खोज के नवीनतम रोमांचक कारनामों का महाकाव्य है. वह अपने घर को जान या समझ पाता, उससे पहले ही उसके परिवार ने उसका परित्याग कर दिया था. रूडयर्ड किपलिंग द्वारा लिखी गयी उसी साहसिक कहानियों का यह एनीमेशन रूपांतरण है.

यह कहानी है शावक भेडि़यों के परिवार द्वारा पालन पोषण किए गए इंसानी संतान मोगली (नील सेठी) की स्वंय की खोज की. मोगली की परवरिश में बघीरा और दत्तक पिता अकेला का बहुत बड़ा योगदान है. बघीरा और मोगली के दत्तक पिता अकेला बार बार उसे अहसास दिलाते रहते हैं कि अब उसे भेडि़यों की तरह ही व्यवहार करना है. मगर मोगली की दत्तक मां मोगली के प्रति अपने प्यार के बीच में इस तरह की बातों को नहीं आने देना चाहती. तो दूसरी तरफ दूसरे जानवर भी अपने बीच एक इंसान की मौजूदगी को स्वीकार कर चुके हैं. मगर शेर खान इंसानों द्वारा चोटिल किए जाने का बदला मोगली से लेने की फिराक में रहता है. जब शेरखान भेडि़यों के पूरे समूह को धमकाता है कि वह मागेली को उसे सौंप दें, तो बघीरा निर्णय लेता है कि वह मोगली को सुरक्षित इंसानों के बीच पहुंचा देगा. पर रास्ते में मोगली और बघीरा बिछुड़ जाते हैं. रास्ते में मोगली को अजगर तथा एक पागल का सामना करना पड़ता है. लेकिन मोगली तो ईश्वर का ऐसा बच्चा है, जिसकी मदद के लिए कोई न कोई आ ही जाता है. वहां पर मोगली की मदद के लिए भालू बालू मौजूद होता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...