आमतौर पर धारणा यही है कि दक्षिण की क्षेत्रीय भाषा की फिल्में अच्छे कंटेंट व बेहतरीन तकनीक के साथ बनायी जाती हैं. लेकिन कन्नड़, तेलगू व हिंदी में एक साथ निर्मित़ फिल्म ‘‘लव यू आलिया’’ के साथ ऐसा नहीं कहा जा सकता. 17 जून को रिलीज हो रही हिंदी  फिल्म ‘‘लव यू आलिया’’ एक ऐसी स्तरहीन फिल्म है, जिसे देखना समय व पैसे की बर्बादी करना है. इसी फिल्म के साथ हिंदी फिल्म ‘‘तेरे नाम’’ फेम अदाकारा भूमिका चावला ने अभिनय में वापसी की है. फिल्म में पटकथा व कहानी का कोई सिर पैर नजर नहीं आता.

फिल्म‘‘लव यू आलिया’’ देखने के बाद एक सवाल उठना स्वाभाविक है कि हर अभिनेत्री फिल्मों में अपनी वापसी अति घटिया फिल्म के साथ ही क्यों करती है. फिल्म की शुरूआत होती है सुदीप के इंटरव्यू के साथ. इस इंटरव्यू में वह अपनी जिंदगी में अपने परिवार व अपनी बेटी की अहमियत की बात करते है. इंटरव्यू खत्म होने से पहले ही कहानी बहुत बड़े गुंडे जुल्फी (पी रविशंकर) द्वारा स्मिता के सामने शादी का प्रस्ताव रखने की ओर मुड़ जाती है. स्मिता अपने प्रेमी सुमंत के साथ शादी करना चाहती है. जिसकी मदद के लिए किरण (चंदन कुमार) आता है, जो कि शादियां करवाने व तुड़वाने का ही काम करता है.

इसी के चलते किरण की मुलाकात आलिया(संगीता चैहाण)से हो जाती है. आलिया को  विवाह संस्था में यकीन ही नहीं है. इंटरवल के बाद फिर फिल्म की शुरूआत सुदीप के इंटरव्यू के साथ होती है और अचानक कहानी किरण व आलिया की प्रेम कहानी की ओर मुड़ जाती है. जुल्फी, स्मिता व सुमंत का कोई अता पता नहीं. आलिया, किरण के प्यार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है, पर शादी नहीं करना  चाहती. क्योंकि उसके माता पिता का तलाक हो चुका है.

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