लंबे समय से फिल्मों में परिवार गायब हो गया था. पर ‘प्रेम रतन धन पायो’ के बाद अब निर्माता करण जोहर और निर्देशक शकुन बत्रा भी अपनी नई फिल्म ‘‘कपूर एंड संस’’ में एक परिवार लेकर आए हैं. जिसमें कुछ भी नयापन नही है. वैसे भी फिल्म की कहानी ऐसे उच्च मध्यम वर्गीय परिवार की है, जिसके दोनो बेटे न्यू जर्सी और लंदन में रहते हैं. ऐसे परिवार महानगरों में ही मिल सकते है. निर्देशक शकुन बत्रा के अलावा फिल्म से जुड़े कलाकारों फवाद खान, सिद्धार्थ मल्होत्रा और आलिया भट्ट ने दावा किया है कि इस फिल्म के उनके पात्रों के साथ हर इंसान रिलेट करेगा. मगर छोटे शहरों या कस्बों व गांवों में रहने वाले लोग खुद को अर्जुन कपूर, राहुल कपूर या टिया के साथ रिलेट कर पाएंगे? इस फिल्म को देखकर यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या आज की युवा पीढ़ी सेक्स के अलावा कुछ सोचती ही नही है. हमें ऐसा नहीं लगता. वैसे फिल्मकार के अनुसार यह रोमांटिक कामेडी ड्रामा फिल्म है.

फिल्म की कहानी चार दीवारी के अंदर बिखरे हुए परिवार की है. जिसके मुखिया अमरजीत कपूर उर्फ दादू (ऋषि कपूर) हैं, जिनके दो बेटे हैं - हर्ष कपूर और हरी. हरी का पूरा परिवार किसी अन्य जगह रहता है. जबकि हर्ष अपनी पत्नी सुनीता कपूर (रत्ना पाठक शाह) के साथ दादू के साथ रहते हैं. हर्ष के दोनो बेटे राहुल कपूर (फवाद खान) और अर्जुन कपूर (सिद्धार्थ मल्होत्रा) पिछले पांच साल से न्यू जर्सी और लंदन में रह रहे हैं. राहुल एक स्थापित लेखक है, जबकि अर्जुन लेखक बनने के लिए संघर्ष रत है. दादू को हार्ट अटैक आता है. इस खबर को सुनकर राहुल कपूर और अर्जुन कपूर अपने भारत में अपने पैतृक गांव कुन्नूर पहुंचते हैं. राहुल और अर्जुन के बीच शीतयुद्ध की स्थिति है. क्योंकि अर्जुन को लगता है कि उसके भाई राहुल ने उसकी कहानी चुराकर अपने नाम से छपवा कर शोहरत बटोर ली. पर दोनो भाई अपने दादू की खुशी के लिए सब कुछ करने को तैयार रहते हैं.

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