तजरबेकार माहिरों ने साबित कर दिया?है कि सोलर पंप से सिंचाई कर के खेती की लागत में कमी की जा सकती है. इस के अलावा सोलर पंप का इस्तेमाल बिजली व डीजल आदि की किल्लत से निबटने व खराब हो रहे पर्यावरण को बचाने का आसान तरीका है. इसलिए उत्तर प्रदेश की सरकार सोलर पंप से सिंचाई करने को बढ़ावा दे रही?है.खेतों में सिंचाई करने वाले आम सोलर पंप हलके व भारी 2 तरह के होते हैं. ये सरफेस यानी सतही सोलर पंप और दूसरे जमीन के भीतर से पानी निकालने वाले समरसेबल सोलर पंप होते हैं.

किसानों की सहूलियत के लिए उत्तर प्रदेश का खेती महकमा साढ़े 7 हार्सपावर के आम सिंचाई पंप पर 50 फीसदी या 10 हजार रुपए, जो कम हो छूट देता?है, लेकिन सोलर पंप की खरीद पर उस से भी ज्यादा 75 फीसदी तक की?छूट दी जा रही?है. इस में 30 फीसदी केंद्र व 45 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार का रहता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान सोलर पंप खरीद कर लगा सकें और बिजली व डीजल का खर्च बचा सकें. उत्तर प्रदेश नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण यानी नेडा इस काम में कृषि विभाग की मदद कर रहा?है. पिछले साल गंवई इलाकों में पीने के पानी के 200 व खेतों में सिंचाई के लिए 900 सोलर पंप लगाए गए थे. इस साल 5 हजार नए सोलर पंप लगाने का मकसद तय किया गया है.

मेरठ मंडल में तैनात कृषि अधिकारी ने बताया कि 1800 वाट के 2 हार्सपावर के सरफेस सोलर पंप की कीमत तकरीबन 2 लाख, 41 हजार रुपए है. छूट के बाद घटा कर इस में से किसान को सिर्फ एकचौथाई यानी 60,245 रुपए देने पड़ते हैं. इसी तरह 3000 वाट के 3 हार्सपावर के समरसेबल सोलर पंप की कीमत 6 लाख, 89 हजार रुपए है. इस में किसान को महज 1,17,200 रुपए देने पड़ते हैं. 4800 वाट के 5 हार्सपावर के समरसेबल सोलर पंप की कीमत 5 लाख, 31 हजार रुपए है. इस में छूट की दर 50 फीसदी है. इसलिए किसान को 2,65,600 रुपए देने पड़ते हैं.

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