नानखटाई एक तरह का बिस्कुट होता है, जो बेकरी में बनाया जाता है. अब इसे बनाने के लिए ओवन का प्रयोग किया जाने लगा है. भारत भर में नानखटाई मिलती है. अब इसे बड़ेबड़े होटलों में भी लोगों को चाय के साथ दिया जाता है. इसे बनाना सरल होता है. इसे घर में भी बना कर इस का स्वाद लिया जाता है. जो लोग बेकरी का रोजगार करते हैं, नानखटाई उन के लिए बेहद मुनाफे वाली साबित होती है. इस का बिजनेस करने वालों को कभी नुकसान नहीं होता है. उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में बनने वाली नानखटाई बेहद मशहूर है. मेरठ में छोटीबड़ी सभी दुकानों में थाल में सजा कर नानखटाई को बेचा जाता है. यहां की नानखटाई की डिमांड पूरे देश में रहती है. मेरठ आने वाले लोग यहां से नानखटाई जरूर ले जाते हैं. मेरठ में 150 रुपए प्रति किलोग्राम से ले कर 600 रुपए प्रति किलोग्राम तक की नानखटाई मिलती है. आमतौर पर यह 30 मिनट में बन कर तैयार हो जाती है. देशी घी और मेवों की नानखटाई महंगी होती है. अब तरहतरह की नानखटाई बनने लगी है. काजू नानखटाई, काजूबादाम नानखटाई, पिस्ता नानखटाई व मूंग नानखटाई की मार्केट में काफी डिमांड है. नानखटाई गरमगरम खाने में ज्यादा स्वाद मिलता है. आमतौर पर इस का सीजन बरसात के बाद जाड़ों से शुरू होता है और गरमी भर रहता है. बरसात में यह कम बिकती है. अब अच्छी पैकिंग आने के बाद पूरे साल नानखटाई बिकती है. हर छोटेबड़े शहर में बेकरी वालों के यहां नानखटाई  मिल जाती है. खानपान के कारोबार से जुड़ी लखनऊ की रहने वाली सुनीता सिंह कहती हैं कि नानखटाई अब बिस्कुट से अधिक पसंद की जाने लगी है.

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