भारत की कृषिजोत छोटी है और खेतों तक जाने वाले रास्ते संकरे व पेड़ों से घिरे होते हैं. ऐसे में इन खेतों तक बड़े कृषि यंत्रों को ले जाना मुश्किल होता?है. खेती में काम आने वाले जुताई, बोआई, मड़ाई वगैरह के कृषि यंत्र अलगअलग फसलों के लिए अलगअलग तरह के होते हैं.

मड़ाई के कृषि यंत्र फसल के अनुसार अलगअलग तरह के बने होते हैं, जिन के द्वारा गेहूं, धान, राई वगैरह  की मड़ाई की जाती है. छोटे किसानों के लिए अपनी फसल की मड़ाई के लिए महंगे व बड़े यंत्र खरीदना मुश्किल होता है. ऐसे में कभीकभी मड़ाई में देरी हो जाती है और देरी की वजह से कई बार बारिश या अन्य वजहों से फसल खराब भी हो जाती है.

किसानों की इन्हीं परेशानियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के विकास खंड कप्तानगंज के गांव खरकादेवरी के रहने वाले 12वीं तक पढ़े नवाचारी किसान आज्ञाराम वर्मा ने एक ऐसी कंबाइन मशीन ईजाद की है, जो कई खूबियों के साथ कम लागत से तैयार की जा सकती है. यह विचार उन के दिमाग में तब आया जब साल 2015 में उन की तैयार गेहूं की फसल बरसात की वजह से कई बार भीग गई और वह अपने गेहूं की फसल की मड़ाई नहीं कर पाए. उन्होंने सोचा क्यों न एक ऐसी गेहूं कटाईमड़ाई की मशीन तैयार की जाए जो कटाई व मड़ाई करने के साथसाथ भूसा भी तैयार कर सके.

आज्ञाराम वर्मा ने इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रख कर एक ऐसी कंबाइन मशीन का खाका तैयार किया, जो गेहूं की मड़ाई करने के साथसाथ भूसा भी तैयार कर सकती थी. इस के बाद वे इस मशीन को बनाने में जुट गए. इस के लिए उन्होंने लोहे के तमाम पुर्जे व जरूरी सामान खुले बाजार से खरीद कर अपनी एक वर्कशाप तैयार कर के मशीन बनानी शुरू कर दी. 11 नवंबर 2015 को उन्होंने एक ऐसी कंबाइन मशीन बना कर तैयार की, जो छोटी होने के साथसाथ किसी भी संकरे रास्ते से खेतों में पहुंचाई जा सकती थी.

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