जायकेदार चिक्की गुड़ और मूंगफली के दानों से तैयार की जाती है. इस का कुरकुरा स्वाद जाड़ों में खूब पसंद आता है. मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता है. जाड़ों में खानपान के जरीए सर्दी के असर को दूर किया जा सकता है. गुड़ और मूंगफली खाने से शरीर गरम रहता है. गुड़ व मूंगफली से बनने वाली चिक्की या गुड़पट्टी खाने में लजीज लगती है. पहले इसे आम लोगों की मिठाई ही माना जाता था. अब यह ‘चिक्की’ के नाम से मिठाई की बड़ीबड़ी दुकानों में भी मिलने लगी है. यह कई आकार की बनने लगी है. चिक्की का आकार कुछ भी हो पर इस का स्वाद लाजवाब होता है.

सर्दियों में जो लोग मेवे नहीं खा सकते उन के लिए मूंगफली किसी मेवे से कम नहीं होती है. रात में खाने के बाद इस पट्टी को खाने से शरीर गरम रहता है. इसे खाने से मिठाई खाने जैसा नुकसान नहीं होता है. मूंगफली में प्रोटीन होता है, जो शरीर को मजबूत बनाने का काम करता है.

कैसे बनती है चिक्की

चिक्की बनाने के लिए अच्छे किस्म का गुड़ लेना चाहिए. चिक्की यानी गुड़पट्टी का रंग काला न हो कर पारदर्शी दिखे इस के लिए इस में गुड़ के बराबर चीनी मिलाई जाती है. अगर गुड़पट्टी के रंग को ज्यादा साफ दिखाना हो तो गुड़ में चीनी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए. वैसे सब से अच्छी गुड़पट्टी वही मानी जाती है, जिस में गुड़ और चीनी की मात्रा बराबर होती है. गुड़ को पानी में डाल कर उबाला जाता है. इस दौरान गुड़ से कुछ झाग सा निकलता है, उसे छन्नी से बाहर कर दिया जाता है. इस के बाद इस में चीनी डाल दी जाती है. इस में से अगर कोई गंदगी निकले तो उसे छान कर अलग कर दिया जाता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...