देश भर के अन्य शहरों की तरह हैदराबाद भी पार्किंग माफिया का शिकार है, जहां 2-4 गुंडे टाइप लोग जमा हो कर एक पार्किंग की जगह बना कर सड़क या पटरी को घेर कर पैसे वसूलने शुरू कर देते हैं. जो जगह पब्लिक के लिए हमेशा से फ्री रही हो, वहां अचानक पैसे लेने शुरू कर दिए जाएं तो शुरूशुरू में अजीब लगता है. कुछ लोग लड़ते हैं पर धीरेधीरे आदत हो जाती है और निठल्लों को मोटा पैसा बनाने का अवसर मिल जाता है.

हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस ने 400 ऐसी जगहों पर फ्री पार्किंग के बोर्ड लगा कर उन्हें दबंगों से मुक्त कराया है. ट्रैफिक पुलिस अफसर ए.वी. रंगनाथ का कहना है कि पहले उन्होंने इधरउधर मुफ्त पार्किंग के चक्कर में खड़ी गाडि़यों का चालान करना शुरू करा था पर उस से बात नहीं बनी, क्योंकि उस से तो दबंग और शेर हो गए और उन्होंने और जगहों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. अब जब से फ्री पार्किंग के बोर्ड लगने शुरू हुए हैं, स्थिति सुधरी है. दिल्ली में कौरपोरेशन ने मौलों और अस्पतालों में फ्री पार्किंग करवाई है, क्योंकि यह उन के नक्शे के अनुसार फ्री जगह थी.

देश भर में पार्किंग की जगह की किल्लत हो रही है, क्योंकि लोग अपने वाहन को ठीक दुकान या दफ्तर के सामने खड़ा करना चाहते हैं. हमारा आलस्यपन इतना है कि 100 कदम चलना भी हमारी जेवरों से लदीं स्मार्ट ड्रैस वाली महिलाओं को भारी लगता है. हर ऐसी जगह जहां बहुत लोग आते हों, पार्किंग आफत खड़ी कर देती है पर पार्किंग शुल्क लगाना कोई लाभदायक नहीं, क्योंकि उस में गुंडागर्दी ज्यादा होती है. 10 के 40 रुपए लिए जाते हैं.

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