अब रिजर्व बैंक ने भी मान लिया है कि नरेंद्र मोदी के तुगलकी नोटबंदी का और जीएसटी लागू करने के फैसलों से छोटे और मझोले उद्योगों को बेहद असर पड़ा है. आज लाखों गृहिणियां परेशान हैं कि 36 व्यापारों के उद्योगों को चलाने वाले उन के पति हर समय चिंतित और तनाव में रहते हैं. इन दोनों बेवकूफी भरे फैसलों से व्यापारों की रेलगाडि़यों को पटरियों से उतरना पड़ गया. सैकड़ों तरह के व्यापार ही बंद हो गए हैं और सैकड़ों को अपने व्यापार के सारे गुर अपने ही कर्मचारियों या टैक्स कंसलटैंटों को बताने पड़े हैं. बाजार में पूंजी की कमी हो गई है और बहुतों पर कर एकत्र करने का बोझ भी आ गया है.

हिंदू धर्म की सुरक्षा के नाम पर जमा की गई वोटों से बनी सरकार ने अपने ही मुल्यों को एक छोटे से दौर में बारबार प्रहार कर इतना कमजोर कर दिया कि लाखों लोगों का जोश उन किसानों की तरह हो गया जो कभी सूखे की मार सहते हैं तो कभी बाढ़. अगर पति का व्यापार ठीक न चले पत्नियों के लिए आफत होता है क्योंकि घर का रंगढंग महीनों में बदल जाता है.

इस सरकार का मानना है कि हर जना टैक्स चोर है. ठीक वैसे ही जैसे हर धर्म मानता है कि उस का हर अनुयायी पापा है. धर्म पाप के प्रायश्चित के लिए कृत, त्याग, दान, कष्ठ की बात करता है तो धार्मिक सरकार भी ऐसे ही कानून बना रही है कि चोरों को पकड़ने के लिए सभी हर मुकदमा लगा दो. हरेक अपनी सफाई देता रहे कि माई बाप मैं ने कुछ नहीं किया, ले दे कर मुझे बख्श दो. चूंकि धर्म ने उसे यह आदत डाल रखी है, उसे यह करने में कुछ अजीब भी नहीं लगता.

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