अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शेयर बाजार के लिए आफत बन कर आए. न सिर्फ भारतीय शेयर बाजार बल्कि पूरी दुनिया के शेयर सूचकांक पर ट्रंप का कहर बरपा है. उन की ताजपोशी तक पूरी दुनिया के बाजारों में हाहाकार मचा रहा. इस दहशत को तब और बल मिला जब खुद अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के विरोध में प्रदर्शन हुए. अमेरिका में किसी राष्ट्रपति की ताजपोशी पर शायद इस तरह के प्रदर्शन पहले कभी नहीं हुए.

डोनाल्ड ट्रंप को शेयर बाजार के लिए अनुकूल नहीं माना जाता रहा है, इसलिए जिस प्रांत में वे जीतते, बाजार को झटका लगता. ट्रंप की जीत के झटकों के ये परिदृश्य भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में देखने को मिले हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद व गोपनीयता की शपथ ली और इधर भारतीय बाजार ने गिरावट का रुख किया. गिरावट का यह रुख हालांकि उन की ताजपोशी के पहले से ही जारी था लेकिन उन की ताजपोशी पर दुनियाभर के बाजारों को झटका लगा और बीएसई में भी इस का असर देखने को मिला.

लेकिन जानकारों का दावा है कि बाजार का यह रुख ज्यादा दिन नहीं चलेगा. देश की अर्थव्यवस्था को ले कर विकास दर के बारे में जो अनुमान व्यक्त किए जा रहे हैं अब उन्हीं का असर बाजार पर है. बाजार ने भले ही डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते डुबकी लगाई हो लेकिन भारत का आम बजट पेश किए जाने और बजट घोषणाओं से बाजार में उत्साह दिखा है और बौंबे स्टौक एक्सचेंज का सूचकांक 28 हजार अंक के पार पहुंच गया.

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