भारतीय शेयर बाजार के लिए मई का महीना रिकौर्ड बनाने और तोड़ने वाला साबित हुआ. इस दौरान बाजार ने नएनए रिकौर्ड बनाए और लगातर तोड़े भी हैं. बाजार में तेजी का यह सिलसिला जून के पहले सप्ताह में भी जारी रहा. 9 जून को समाप्त हुए सप्ताह में बाजार तेजी पर बंद हुआ. इस दौरान विदेशी निवेशकों की मजबूत अवधारणा के कारण बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई का सूचकांक सर्वाधिक अंकों पर बंद हुआ. बाजार की इस अवधारणा को जीएसटी, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान, वैश्विक बाजारों के अच्छे कारोबार तथा रुपए की लगातार मजबूती से बल मिला. इन सब के बीच बाजार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया और बीएसई 6 जून को 31,442 अंक तथा नैशनल स्टौक एक्सचेंज 9,675 अंक के स्तर पर पहुंचा. पहली बार बीएसई तथा निफ्टी ने यह ऊंचाई हासिल की.

जानकारों का अनुमान था कि सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की दर घटने के अनुमान से शेयर बाजार को करारा झटका लगेगा, लेकिन इस का बाजार पर कोई निराशाजनक असर नहीं हुआ और निवेशकों ने जम कर लिवाली की. इस की बड़ी वजह जीएसटी पर लगातार बन रही सहमति और जुलाई से उसे लागू करने की अच्छी तैयारियों का माहौल है.

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