सीएसडी यानी कैंटीन स्टोर डिपार्टमैंट का नाम आप ने जरूर सुना होगा. यह सस्ती दर पर बढि़या सामान की कैंटीन मानी जाती है. सीएसडी से सामान लेना सस्ता पड़ता है और दूसरे शुद्धता की गारंटी भी होती है. यह सुविधा देश के सैनिकों और उन के परिवारों के लिए है. जिला सैनिक कल्याण बोर्ड में भी हर जगह यह सुविधा उपलब्ध है ताकि सेवारत अथवा सेवानिवृत्त सैनिक इस का लाभ ले सकें. बीच में इस सुविधा के नाम पर काफी लोग गलत तरीके से फायदा उठा रहे थे लेकिन सीएसडी ने अब सख्ती कर दी है.

सीएसडी में मिलने वाले सामान पर कर नहीं लगता है, इसलिए वहां सामान सस्ता मिलता है. देश में सीएसडी के 34 डिपो हैं और सैनिकों को उन के जरिए सामान्य उपयोग की वस्तुओं के अलावा शराब भी खरीदने को मिलती है, सबकुछ सस्ता और वाजिब दर पर.

एक अच्छी बात यह है कि सीएसडी में जुलाई से लागू हो रहे जीएसटी के बाद भी सस्ता सामान मिलता रहेगा. वहां जीएसटी में 50 प्रतिशत छूट की व्यवस्था की गई है. सीएसडी को मिलने वाली सब्सिडी के सामान की लागत का भुगतान केंद्र तथा राज्य सरकारें करेंगी. जीएसटी परिषद की हाल में हुई बैठक में यह फैसला किया गया है.

सैनिक देश के लिए जान हथेली पर रख कर चलते हैं. उन की चौकसी के कारण ही देश में लोग निश्ंिचत हो कर काम कर रहे हैं. इसलिए उन को सुविधा मिलती रहनी चाहिए. सैनिकों को यह सम्मान देना उन का अधिकार है. सीएसडी के जरिए उन्हें यह सुविधा आगे भी मिलती रहेगी. पूरा देश इस का स्वागत करता है. कुछ लोग इस सुविधा का दुरुपयोग करते हैं लेकिन उन पर नजर रखी जानी चाहिए. दुरुपयोग से अराजकता पैदा होती है और इसे रोकना आवश्यक है.

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