सरकार पर्यावरण के अनुकूल माने जाने वाले जूट और इस से बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सामग्री की पैकेजिंग के लिए जूट से बने थैलों के इस्तेमाल को अनिवार्य कर रही है. इस क्रम में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने खाद्य सामग्री की पैकेजिंग में जूट की थैलियों का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है. इस फैसले के अनुसार, खाद्य सामग्री बनाने वाली कंपनियां अपने उत्पाद का 90 फीसदी पैकेजिंग अनिवार्य रूप से जूट की थैलियों में करेंगी. इसी तरह से चीनी मिलों को 20 फीसदी उत्पादन में जरूरी तौर पर जूट का इस्तेमाल करना होगा. खाद्यान्न पैकेजिंग में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान जूट की उपलब्धता की कमी को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

प्लास्टिक थैलियों की पैकेजिंग से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने की दिशा में इसे क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. प्लास्टिक की थैलियां कूड़े का पहाड़ खड़ा कर रही हैं और वे नष्ट नहीं होतीं जबकि  जूट से बना सामान कूड़ेदान में पहुंचते ही नष्ट हो जाता है.

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