अब वे दिन लद गए जब युवतियों को सैक्सुअली अट्रैक्शन के लिए वार्डरोब से ले कर मेकअप तक की खाक छाननी पड़ती थी और भारीभरकम खर्च करना पड़ता था. आज तो जमाना मेकओवर का है और इस से भी बढ़ कर सैक्सुअल रिप्रैजैंटेशन का. हुस्न के बाजार में जो बेहतर दिखेगा वही कौंप्लिमैंट पाने का हकदार भी होगा. यदि आप खूबसूरत नहीं भी हैं तब भी कोई बात नहीं, बाजार में आप को सैक्सी डौल बनाने वाली पूरी रेंज भरी पड़ी है. बस, थोड़ा सा ग्लैमर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स का तड़का चाहिए फिर देखिए कैसे आप भी ग्लैमरस और हौट लुक पाती हैं.

सर्वे बताते हैं कि देश की 30-32% महिलाएं जो औसत रंगरूप की हैं सैक्सी व अट्रैक्टिव लुक पाने के लिए अपनी इनकम का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा इस पर खर्च करती रही हैं. यह तो छोटे शहरों की कहानी है, बड़े शहरों और महानगरों में तो यह आंकड़े और भी बड़े हैं. सैक्सी लुक पाने के लिए जहां अधिकतर महिलाएं अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रही हैं वहीं वे नामी ब्यूटी प्रोडक्ट्स और उम्दा ब्यूटी पार्लर्स में जा कर अपना वक्त भी जाया कर रही हैं. शोध बताते हैं कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों में जहां महिलाएं महीने में 2-3 बार पार्लर जाती हैं वहीं छोटे शहरों में महिलाएं महीने में एकदो बार और जिलाकसबों में कम से कम एक बार तो ब्यूटी पार्लर जरूर जाती हैं.

सैक्सी लुक पाने वालों की चाहत में खासा इजाफा हुआ है और इसे भुनाने के लिए बाजार भी बाहें फैला कर खड़ा है. खूबसूरत और सैक्सी दिखने का अधिकार अब सिर्फ गोरी और सुंदर युवतियों का ही नहीं है. अब ब्यूटी सैलून साधारण और औसत दरजे की युवतियों को भी सैक्सी मेकओवर के जरिए कामुक बना रहे हैं. जाहिर है कि ऐसे में साधारण कदकाठी व औसत रंगरूप वाली युवतियों के लिए इन ब्यूटी सैलूनों ने ग्लैमर वर्ल्ड से ले कर मौडलिंग और फिल्मों में जाने तक के दरवाजे खोल दिए हैं. यदि आप की सांवली सूरत है तो घबराएं नहीं उस का भी इंतजाम इन सैलूनों में बखूबी किया जाता है.

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