मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग से अतिरिक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए प्रकाश साकल्ले की पत्नी शोभा इसी विभाग में जनसंपर्क अधिकारी थीं. दोनों जब भोपाल के शिवाजी नगर स्थित शासकीय आवास को छोड़ पत्रकार कालोनी के अपने घर में पहुंचे तो 2,700 वर्गफुट का मैदान बागबानी के लिए तैयार था. किचन गार्डनिंग को अहमियत देती बात यह है कि प्रकाश ने मकान बनाया 1,500 वर्गफुट एरिया में और बागबानी के अपने शौक को पूरा करने के लिए, 1,200 वर्गफुट की जगह घर के पीछे की तरफ छोड़ी.

इसे बागबानी का जनून ही कहा जाएगा कि दूसरे लोगों की तरह साकल्ले दंपती की दिलचस्पी नवागंतुकों को अपना मकान कम, बगीचा दिखाने में ज्यादा रहती है. इस की वजह भी मुकम्मल है कि इन दोनों का खाली वक्त बगीचे में ही गुजरता है. सेवानिवृत्ति के बाद हर कोई अपने शौक पूरे करता है, प्रकाश और शोभा ने भी यही किया. नौकरी के दिनों में ही दोनों ने तय कर लिया था कि अपने घर में एक खूबसूरत बगीचा जरूर लगाएंगे. बेटा अमेरिका के न्यूजर्सी शहर में नौकरी करने के लिए चला गया और बेटी की इंदौर में शादी हो गई, लिहाजा अकेलेपन से बचने के लिए दोनों ने बगीचा संवारना शुरू कर दिया.

शुरुआत अनाड़ीपन से

प्रकाश और शोभा दोनों को दूसरे कई लोगों की तरह बागबानी का कोई अनुभव नहीं था. कहेसुने की बिना पर उन्होंने अपने गार्डन की बुनियाद रखी. प्रकाश बताते हैं, ‘‘बड़ी मदद हमें उद्यान विभाग के विशेषज्ञों और सरिता के बागबानी विशेषांकों से मिली.’’

अतिरेक उत्साह में शुरू में ही इन्होंने वह गलती कर डाली जो आमतौर पर अधिकांश लोग करते हैं, बच्चों की तरह ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की. बगीचे के लिए इन्होंने जो लेआउट प्लान दिमाग में बनाया था, मैदान में आतेआते उस का मूलस्वरूप बिगड़ गया यानी उस पर अमल नहीं हो पाया. दोनों नर्सरी जाते और पेड़ खरीद कर बगीचे में लगा देते थे. देखते ही देखते सारा किचन गार्डन फल, फूल और सब्जियों से भर गया. शोभायमान पेड़ और बोनसाई हालांकि इन्होंने प्रवेशद्वार से ही लगा रखे हैं जो पूरी कालोनी से इन के घर को खास बनाते हैं पर बगीचे में पहुंचने के बाद पता चलता है कि शौक दरअसल क्या होता है. पानी तो भरपूर इन के घर में है लेकिन शुरुआती परेशानी जानकारियों के अभावों में मिट्टी की पेश आई. जमीन चूंकि ढलावदार थी, इसलिए उस में मिट्टी का कटाव ज्यादा होता था. लिहाजा, 2 साल तक इन्होंने खरीद कर मिट्टी डलवाई और जमीन को समतल किया.

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