‘वाउ, क्या फिगर है, 36-24-36, लगता है मार ही डालेगी’, ‘यार, सिर्फ एक बार पलट कर देख ले’, ‘कसम से क्या लगती है’, ‘इसे देख कर तो अच्छेअच्छों की हार्टबीट बढ़ जाएगी’, ‘चलती है तो इसे देख कर वह गाना याद आता है’, ‘तोबा ये मतवाली चाल, झुक जाए फूलों की डाल... ‘पता नहीं अपनी सैक्सी फिगर से यह कितनों पर बिजलियां गिराती होगी?’ ये सभी बातें हो रही थीं औफिस की नई जौइनिंग स्मिता के बारे में, जिस ने हाल ही में कंपनी जौइन की थी. उस की सैक्सी फिगर ने सब के दिल को इस कदर घायल कर दिया था कि हर कोई बस, उस की एक झलक पाने को बेकरार रहता. हर रोज इस इंतजार में रहता कि वह आज क्या पहन कर आने वाली है.

अगर वह किसी से हंस कर बात कर ले तो उस का तो इस खुशफहमी में पूरा दिन ही निकल जाता. औफिस के कई युवकों को औफिस से छुट्टी न करने और रोज आने का एक अच्छा बहाना मिल गया था, वहीं युवतियों को स्मिता की सैक्सी फिगर ने टफ कंपीटिशन दे दिया था. हर कोई पीठ पीछे उस की सैक्सी फिगर की तारीफ करता और जानना चाहता कि आखिर उस की सैक्सी फिगर का राज क्या है?

जिसे देखो उस के आसपास मंडराने के बहाने ढूंढ़ता रहता. कभी काम के बहाने तो कभी लंच औफर करने, तो कभी चायकौफी पर इनवाइट करने का मौका ढूंढ़ता. औफिस कलीग्स के अलावा बौस भी चाहते थे कि स्मिता औफिस के हर इंपोर्टैंट प्रौजैक्ट का हिस्सा बने, क्योंकि उस की सैक्सी फिगर हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती थी. स्मिता के उदाहरण से आप समझ ही गए होंगे कि सैक्सी फिगर किसी की भी पर्सनैलिटी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा होती है. दरअसल, सैक्सी फिगर का अर्थ जीरो साइज फिगर नहीं बल्कि वह फिगर होती है जो ग्लैमरस हो, भीड़ में सब से अलग दिखे. इस फिगर में एक खास सैक्स अपील होती है जो सब को आकर्षित करती है. वर्तमान दौर में जीरो फिगर और फ्लैशी फिगर आउटडेटेड हैं जबकि कर्वी फिगर का दौर चल रहा है. एक वैल टोंड बौडी जिस के परफैक्ट कर्व्स हों, वही सैक्सी फिगर कहलाती है.

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