आधुनिक भारत तनाव के उच्च स्तर, अनिद्रा, मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. काम करने के अव्यवस्थित तरीके, अस्वास्थ्यप्रद आहार लेना, शारीरिक व्यायाम न करना, खानेपीने की चीजों में मिलावट, प्रदूषण, डिजिटल तनाव आदि आज स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहे हैं. स्वास्थ्य बिगड़ने का पहला संकेत मोटापा आज भारतीय पुरुषों और महिलाओं में महामारी की तरह फैल रहा है. समस्या वजन बढ़ने के साथ शुरू होती है और धीरेधीरे गंभीर जानलेवा रोगों जैसे हृदय रोग, कैंसर, कोरोनरी स्ट्रोक आदि का कारण बन जाती है.

हाल ही में ब्रिटिश मैडिकल जनरल द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में करीब 2 करोड़ महिलाएं मोटापे की शिकार हैं, वहीं मोटापे से पीडि़त पुरुषों की संख्या 1 करोड़ है.

आंकड़े चौंका देने वाले हैं और इन पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. 40 एवं अधिक उम्र की महिलाओं की बात करें, तो उन के लिए वजन कम करना धीरेधीरे मुश्किल होता जाता है. ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि उन्हें वजन कम करने के लिए बहुत कोशिश करनी पड़ेगी. जीवन की इस अवस्था के दौरान शरीर में चयापचयी बदलाव आने लगते हैं और पाचन प्रक्रिया में बदलाव के चलते शरीर के बीच के हिस्से, जांघों आदि में वसा जमने लगती है. हारमोनल बदलाव भी चयापचयी दर को प्रभावित करता है और वजन कम करना मुश्किल होता जाता है. उस पर अगर आप को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो परेशानी और बढ़ जाती है.

मोटापे की समस्या का अब प्रभावी उपचार उपलब्ध है. वजन कम करने की कोशिशों में नाकाम होने के बाद अब ज्यादातर लोग वजन कम करने के सर्जिकल एवं नौनसर्जिकल उपायों की ओर रुख करने लगे हैं. बढ़ती जागरूकता, अत्याधुनिक उपचार एवं प्रभावी चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता के चलते नौनइनवेसिव सर्जिकल प्रक्रियाएं अब लोकप्रिय हो रही हैं.

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