रेयान इंटरनेशनल स्कूल के क्लास वन के दिव्यांश काकरोरा का शव स्कूल के टैंक में तैरता हुआ पाया गया था. दिव्यांश के माता-पिता का कहना है कि उनके बच्चे के साथ कुछ गलत हुआ है. इनका इशारा यौन शोषण की तरफ है. क्योंकि जब टैंक से निकाला गया तब उसकी बौडी नंगी थी उसके पौटी के रास्ते पर रूई लगी थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि दिव्यांश के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है. हालांकि माता-पिता द्वारा उठाए सवालों का जवाब फिलहाल दिल्ली पुलिस ने नहीं दिया है. अंतिम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.

कुछ दिन पहले गाजियाबाद के एक क्रेच में भी बाल यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. क्रेच की संचालिका का 65 वर्षीय ससुर चार साल की बच्ची के साथ अकेले में दुष्कर्म किया करता था. घर में, मौल में, स्कूल में, स्कूल बस में बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हर रोज घट रही है.

राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2012 में बच्चों के साथ दुष्कर्म के 38,172 मामले दर्ज हुए, लेकिन 2014 में आंकड़ा बढ़कर 39,172 हो गया. दो साल में दुष्कर्म के 1251 मामलों में वृद्धि हुई. इनमें से नब्बे फीसदी मामलों में दुष्कर्म परिचित ही पाए गए. ह्यूमन राइट्स वौच के मुताबिक देश में हर साल करीब 7200 बच्चे यौन उत्पीड़न के शिकार होते हैं. इंग्लैंड में हुए एक अध्‍ययन में पाया गया कि 2012 से लेकर 2014 तक पचास हजार बाल यौन उत्पीड़न के दर्ज  किए गए. वहीं चाइल्ड कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार सही आंकड़ा चार लाख के आसपास है, जिसमें से 85 फीसदी मामले दर्ज ही नहीं होते हैं. उस पर भी दो-तिहाई मामलों में परिवार का कोई सदस्य या परिवार का कोई भरोसेमंद ही दोषी होता है.

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