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सौजन्या-सत्यकथा

अधिकांशत: अवैध संबंधों का अंत दुखदायी ही होता है. इस के बावजूद लोग इस दलदल में धंस जाते हैं. स्वामी और उस की प्रेमिका लालपरी काश इस सच्चाई को समझ पाते तो...

घटना उत्तर प्रदेश के जिला फिरोजाबाद के थाना टूंडला के गांव नगला राधेलाल की है. 30 अक्तूबर की सुबह जब हरभेजी सो कर उठी तो बराबर के कमरे में उन्हें कोई हलचल नहीं दिखी. उस कमरे में उन का बेटा गब्बर बहू विवेक कुमारी उर्फ लालपरी तथा पोते अनुज के साथ सोया था. गब्बर के 2 बच्चे हरभेजी के साथ ही सोए थे. हरभेजी जब गब्बर के कमरे में गईं तो अंदर का दृश्य देखते ही उन के मुंह से चीख निकल गई.

उन का 40 वर्षीय बेटा गब्बर पंखे से बंधे फंदे पर लटका हुआ था, उस के पैर कमरे के फर्श को छू रहे थे. गब्बर के चेहरे से खून टपक रहा था. मां हरभेजी ने बहू लालपरी को आवाज लगाई, लेकिन वह कमरे में नहीं मिली. न ही वहां उस का बेटा अनुज था. बहू की तलाश की गई पर उस का कोई पता नहीं चला. इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया.

मां के रोने की आवाज सुन कर उन के और बेटे भी वहां आ गए. कुछ ही देर में मोहल्ले के लोग वहां जमा हो गए. उसी दौरान किसी ने आत्महत्या करने की सूचना पुलिस को फोन द्वारा दे दी.

सूचना पर थानाप्रभारी बी.डी. पांडेय फोर्स सहित घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने शव के साथ मकान का भी निरीक्षण किया. सूचना मिलने पर सीओ डा. अरुण कुमार सिंह भी वहां आ गए. निरीक्षण के उपरांत पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि गब्बर ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उस की पीटपीट कर हत्या करने के बाद शव को फंदे पर लटकाया गया है.

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