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7 अगस्त, 2016 की सुबह 7 बजे सायरा ने अपनी छत से पड़ोस में रहने वाली सुनीता की छत पर देखा तो वहां का नजारा देख कर वह सन्न रह गई. छत पर सुनीता के देवर राजेश की लाश खून से लथपथ पड़ी थी. उस ने शोर मचाया तो आसपड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए. सायरा ने 100 नंबर पर फोन कर के इस बात की सूचना पुलिस को भी दे दी थी. पीसीआर वैन कुछ ही देर में आ गई. यह स्थान दक्षिणपश्चिम दिल्ली के थाना रनहौला के अंतर्गत आता था, इसलिए कंट्रोल रूम की सूचना पर के एसआई ब्रह्मप्रकाश हैडकांस्टेबल संजय एवं कांस्टेबल नरेश कुमार के साथ सुनीता के घर पहुंच गए थे.

जैसे ही ये सभी दूसरी मंजिल पर पहुंचे, बरामदे में सुनीता की लाश पड़ी मिली. उस की हत्या चाकू से गला रेत कर की गई थी. वह चाकू लाश के पास ही पड़ा था. उन्हें सुनीता के मकान की दूसरी मंजिल की छत पर उस के देवर की लाश पड़ी होने की सूचना मिली थी, इसलिए वह छत पर गए तो छत पर बिछी चटाई पर सुनीता के देवर राजेश की लाश पड़ी थी.

राजेश का सिर फटा हुआ था. लाश के पास ही हथौड़ा पड़ा था, जिस पर खून लगा था. इस का मतलब हत्या उसी हथौड़े से की गई थी. चटाई पर शराब की एक बोतल, 2 गिलास, एक लोटे में पानी तथा एक कटोरी में तली हुई कलेजी रखी थी. इस से साफ लग रहा था कि यहां बैठ कर 2 लोगों ने शराब पी थी.

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