भारत के मैट्रोपौलिटन शहर कोलकाता के एक पौश इलाके 3 रौबिंसन स्ट्रीट स्थित एक फ्लैट के बैडरूम में पलंग के पास बैंच पर कंबल से ढका हुआ एक नरकंकाल. कंकाल के सिरहाने तरहतरह के अलगअलग साइज के टैडीबीयर कतार में सजे हुए. पलंग के एक ओर 2 कुत्तों के कंकाल. कमरे में पिज्जा, पास्ता, सूखे फल (मेवा नहीं), केक, पेस्ट्री और चौकलेट समेत ढेर सारी खाने की सड़ीगली चीजों का अंबार. बाथरूम में एक अधजली लाश और इन सब के बीच एक जिंदा इंसान, एकदम स्वाभाविक जीवन जीता हुआ. ऐसा लगा जैसे यह हौलीवुड फिल्म निर्माता अलफ्रेड हिचकौक की किसी फिल्म का सैट है. हिचकौक की फिल्म ‘साइको’ का रीमेक. ‘साइको’ में एक होटल के मालिक नौरमैन के हाथों उस की अपनी मां की हत्या हो जाती है. अपराधबोध के कारण वह अपनी मरी हुई मां को कब्र से निकाल कर ले आता है. 10 साल उस ने अपनी मरी मां के साथ गुजारे. इसी क्रम में मां का व्यक्तित्व कब उस ने ओढ़ लिया, पता ही नहीं चला. फिल्म की कहानी अमेरिका के एक सीरियल किलर एडवर्ड के जीवन पर आधारित थी. वह मां जैसी दिखने वाली अधेड़ उम्र की औरतों की हत्या करता और फिर उन की लाश कब्र से निकाल लाता और उन के चमड़े से स्किन सूट बनाता था. उस का मानना था कि इस तरह से एक दिन उस की मां जी उठेगी.

कोलकाता की रौबिंसन स्ट्रीट में हत्या या आत्महत्या का अभी तक सुराग नहीं मिला है. पुलिस के हवाले से बताया गया कि पार्थो डे की सोच थी कि मरने के बाद भी आत्मा घर पर या इस के आसपास होती है. बुलाने पर आती है और फिर एक दिन जी उठती है. रौबिंसन स्ट्रीट के पते का एकमात्र जिंदा इंसान पार्थो डे, कंकाल में तबदील होती गई अपनी दीदी देबजानी डे के साथ ऐसी हालत में 6 महीने से रह रहा था. कल्पनालोक में विचरण करते हुए वह हर रोज दीदी की आत्मा को बुलाता और उस के साथ खाना खाया करता. मामले का खुलासा 10 जून को तब हुआ जब पार्थो डे के घर के बाथरूम से धुआं निकलता हुआ देख सिक्योरिटी गार्ड और स्थानीय लोगों ने दमकल व पुलिस को खबर दी. पिछले 6 महीने से बतौर सिक्योरिटी गार्ड यहां तैनात तपन राय का कहना है कि कहीं कुछ गड़बड़ी है, इस का अंदाज उसे था, लेकिन क्या, इस का पता नहीं चल पाया. वैसे भी घर पर 2 ही लोग थे, लेकिन खानानाश्ता हमेशा 3 लोगों का आता था. घर के जिस हिस्से में ये लोग रहते थे वहां प्रवेश की इजाजत नहीं थी. उन के फ्लैट के बाहर पहुंचने पर एक जोर का भभका जरूर लगता था. इस बारे में सिक्योरिटी गार्ड को यह सोच कर तसल्ली हो जाती कि चूंकि घर पर कोई औरत नहीं है, इसलिए गंदगी के कारण यह गंध आती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...