आमतौर पर किसी भी पार्टी के दूसरे और तीसरे दरजे के नेता पार्टी से निकाले जाने पर दुखी रहते हैं पर भाजपा के बड़बोले सांसद अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का दर्द जरा उलट है कि पार्टी उन्हें बाहर ही नहीं निकाल रही. बस, इस आशय की धमकी दे कर छोड़ देती है. शत्रु के बारे में हर कोई जानता है कि वे कभी भी पार्टी की नीतियों और फैसलों का सार्वजनिक विरोध कर डालते हैं पर आलाकमान कोई कार्यवाही नहीं करता.

दिक्कत उस वक्त और बढ़ जाती है जब वे लालू प्रसाद यादव और अरविंद केजरीवाल सरीखे विरोधी नेताओं के समर्थन में ट्वीट कर डालते हैं. इस पर बिहार के दिग्गज भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने एतराज जताया तो शत्रु ने दोटूक कह डाला कि कृपया धमकी न दें, बल्कि हो सके तो मुझे निष्कासित कर दें. अब बिहार वाले मोदी के पास तो यह हक है नहीं, लिहाजा, वे कसमसा कर रह गए.

 

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