मैं 33 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मां का बचपन में ही देहांत हो गया था इसलिए पिता ने दूसरी शादी कर ली. मेरी दूसरी मां व उन के बच्चों का मुझ से व्यवहार अच्छा है. पति सरकारी नौकरी में हैं. हाल ही में मेरी बहन की एक संपन्न परिवार में शादी हुई है जिस में मेरे पिता ने खुल कर खर्च किया. मेरी समस्या यह है कि मेरे पति इस बात से नाराज रहते हैं कि तुम्हारे पिता ने हमारी शादी में कम खर्च किया क्योंकि तुम्हारी मां नहीं थी. जबकि मेरी नई मां व पिताजी हम दोनों बहनों में कोई फर्क नहीं करते. मेरे पति मेरे परिवार वालों से हमेशा उखड़ेउखड़े रहते हैं, उन्हें मेरे अपने परिवार वालों से मिलनेजुलने पर भी परेशानी है. वे चाहते हैं मैं अपनी बहन से कोई रिश्ता न रखूं. जबकि मैं चाहती हूं कि वे मेरे परिवार वालों से मिलजुल कर रहें. पति के इस व्यवहार का असर हमारे आपसी संबंधों पर भी पड़ रहा है. मैं क्या करूं? सलाह दीजिए.

इस प्रकार की प्रतिक्रिया आमतौर पर बेटियों में होती है पर यह अच्छी बात है कि आप की पिता या मां से शिकायत नहीं. यह कम होता है. जहां तक पति की बात है, आप की बातों से लगता है आप के पति फालतू में हीनभावना से ग्रस्त हैं जिस के परिणामस्वरूप वे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं. पति को उन बातों, घटनाओं की याद दिलाएं जब आप के मातापिता ने आप के साथ कोई भेदभाव नहीं किया और अच्छा व्यवहार किया हो. उन के शक को दूर करने की कोशिश करें. उन्हें समझाएं कि हर मां सौतेली नहीं होती. साथ ही, उन्हें समझाएं कि ससुराल से मदद लेने पर आप का आत्मसम्मान घटेगा न कि बढ़ेगा. आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित करें. ?उन्हें समझाएं कि उन का ऐसा व्यवहार उन्हें सब से दूर कर देगा और वे अकेले पड़ जाएंगे. आप चाहें तो अपनी बात कहने के लिए घर के किसी बड़े की मदद भी ले सकती हैं. असल में आप और आप की नई मां आदर्श हैं कि उन में कोई विवाद नहीं है.

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