उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले केंद्र की भाजपा सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने अयोध्या में 250 करोड़ रुपए खर्च कर रामायण संग्रहालय विकसित करने की घोषणा कर दी है तो राम नाम की दौड़ में राज्य की सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल हो गए हैं जो सरयू नदी के किनारे रामलीला थीम पार्क बनाने की बात कह चुके हैं. हिंदुओं को जितना राम और रामायण ने पिछड़ा रखा है उतना कोई और रख भी नहीं सकता था.

चुनावी वैतरणी पार करने के लिए राम का सहारा लिया जाता है तो तय है कि यह अभिशप्त लोकतंत्र की निशानी है. अब दिक्कत में कांग्रेस और बसपा हैं जो रामायण संग्रहालय और रामलीला थीम पार्क का विरोध नहीं कर पा रहीं. यही कमजोरी खासतौर से बसपा की दुर्गति की वजह भी बनी है.

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