प्रियंका गांधी वाड्रा के विधानसभा चुनावप्रचार में आ जाने की खबर भर से भाजपा खेमे में कितनी बौखलाहट मची है, इस की मिसाल राज्यसभा सदस्य और उग्र हिंदूवादी नेता विनय कटियार के मुंह से निकली, यह तात्कालिक प्रतिक्रिया थी कि प्रियंका उतनी सुंदर हैं नहीं, जितना कि उन्हें प्रचारित किया जा रहा है. वे यह तो कह नहीं सकते थे कि प्रियंका उतना असर नतीजों पर डाल नहीं पाएंगी जितना कि आंका जा रहा है. भाजपा को डर इस बात का है कि भोलाभोला भारतीय जनमानस कहीं सचमुच इस सुंदर और आकर्षक महिला में इंदिरा गांधी न देखने लगे.

सच कुछ भी हो और नतीजे जो भी आएं लेकिन साफ दिख रहा है कि प्रियंका को सहज ढंग से भाजपा नहीं ले पा रही है. पौराणिकवादी सुंदर महिलाओं से शाश्वत ईर्ष्या रखते हैं, उन के संस्कार तो यही रहे हैं कि सुंदर महिला को अपने पाले में ले लो और ऐसा कर पाना मुमकिन न हो तो अंगभंग कर देने से भी परहेज नहीं करना चाहिए. अब इस मानसिकता का लोकतांत्रिक संस्करण कैसा होगा, यह देखना दिलचस्प बात होगी.

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