प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहरबानी से इस साल जो 3 पूर्व भ्रष्ट मुख्यमंत्री जेल में होली मनाएंगे, लालू प्रसाद यादव उन में से एक हैं जो अब बेफिक्र हो चले हैं क्योंकि उन का बेटा तेजस्वी चाचा नीतीश कुमार की नाक में यथासंभव दम कर रहा है. बिहार में 11 मार्च को 1 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिन पर जनता दल (युनाइटेड) चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुका है यानी इन सीटों पर जोरआजमाइश अब राजद और भाजपा के बीच होगी.

तेजस्वी ने यह कह कर नीतीश की दुखती रग पर हाथ क्या, पूरा पंजा ही रख दिया है कि वे पूरी तरह भाजपा के सामने नतमस्तक हो गए हैं और एक पल भी बिना सत्ता के नहीं रह सकते, मुमकिन है जदयू का विलय ही भाजपा में हो जाए.

ऐसा हो सकता है क्योंकि इन दिनों नीतीश हर मुद्दे पर मोदी की हां में हां कुछ इस तरह मिलाते हैं कि कई दफा तो अरुण जेटली और अमित शाह भी ठगे से रह जाते हैं. वन नैशन वन इलैक्शन की बात प्रधानमंत्री के मुंह से पूरी तरह निकली भी न थी कि नीतीश ने हां में हां मिला दी. बिहार के लोग नीतीश के इस हनुमानस्वरूप को हजम नहीं कर पा रहे हैं.

अब तो उपचुनाव के नतीजे ही तय करेंगे कि तेजस्वी की बात का कितना असर हुआ.

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