सैल्फी विद वाइफ

महिलाओं खासतौर से बेटियों का स्वाभिमान और सम्मान बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाकई नायाब तरीका सुझाया है कि बेटी के  साथ सैल्फी लो, पोस्ट कर दो. इस से साबित हो जाएगा कि भारत में नारी पूजी जाती है पर तरीका इलैक्ट्रौनिक हो गया है. आइडिया बुरा नहीं कहा जा सकता लेकिन सोशल साइट्स पर युवाओं के बराबर से ही अधेड़ और बुजुर्ग सक्रिय हैं जिन का पहला शौक पत्नी के साथ फोटो खींच कर पोस्ट करना और सैल्फी लेना होता है. ये लोग अपनी शादी की वर्षगांठ पर पत्नी संग 20-25 साल पहले या हाल में ही खिंचवाए फोटो डाल कर बच्चों जैसे खुश होते हैं. साथ ही, वे लिखते हैं, इतने साल कब, कैसे, गुजर गए, पता ही नहीं चला. इस पर उन्हें खूब लाइक और कमैंट्स भी मिलते हैं. नरेंद्र मोदी दांपत्य की इस प्रगाढ़ता, रोमांस और रोमांच को नहीं महसूस कर सकते जिन्हें अपनी जिद, कैरियर और उसूलों के चलते खुद उन्होंने ही खोया है.

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खानदानी घोटाला

छत्तीसगढ़ गरीब और पिछड़ा राज्य नहीं रह गया है, यह बताने के लिए वहां की सरकार के मुखिया रमन सिंह ने बजाय इश्तिहारों के, एक कथित घोटाले का सहारा लिया. कांग्रेस का आरोप है कि रमन सिंह ने धान घोटाले में 36 करोड़ रुपए का गालमाल किया है. घोटाले शाश्वत हैं और रहेंगे. हरएक घोटाले की अपनी खूबी होती है. छत्तीसगढ़ घोटाले की खूबी यह है कि इस में रमन सिंह की पत्नी और साली सहित रसोइए का भी नाम आया. गोया कि अब चावल पकाना भी गुनाह हो चला है. सच कुछ भी हो लेकिन दिलचस्प बात यह है कि घोटालों में अब परिवारजनों का नाम आना एक अनिवार्यता सी हो चली है. वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के बाद रमन सिंह तीसरे भाजपाई मुख्यमंत्री हैं जिन का नाम घोटाले में सपरिवार लिया गया.

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