भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजनीतिक व सांस्कृतिक पाखंड का भांडाफोड़ करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गीता और उपनिषद पढ़ने का ऐलान कर डाला है. गीता में कृष्ण ने साफसाफ कहा है कि ये भाईभतीजे, सालेबहनोई, मामाभांजा आदि सब शरीर हैं, तू इन की परवा मत कर, हथियार उठा और इन का वध कर डाल, तभी कर्मण्य कहलाएगा. तू इन्हें नहीं मारेगा तो ये तुझे मार डालेंगे. सोलह दिन कुरुक्षेत्र की धूल फांकने के बाद अर्जुन का भ्रम दूर हो गया जिस से हुआ महाभारत. देश का माहौल और राहुल गांधी की उम्र गीता जैसे भारीभरकम धर्मग्रंथ पढ़ने की नहीं है क्योंकि लोकतंत्र में असल सारथी जनता होती है. बेहतर होगा कि राहुल गांधी बजाय वेदव्यास के, कबीर को पढ़ें जो एक दोहे में सार की बात कह गए कि ‘ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय.’

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