हमारे यहां कूड़ा उठाने की गाड़ी आती है और सब का कूड़ा ले जाती है. गाड़ी वाला घंटी बजाता है और कूड़ा ले जाता है. एक बार वह जब कूड़ा लेने आया तो काफी अच्छे कपड़े पहने था. उसे उस दिन काफी देर हो गई थी. सभी महिलाएं चीख कर कह रही थीं, इतनी देर से क्यों आए, हमें क्या इंतजार करने का ही काम रह गया है?कइयों ने तो इतनी जोर से कूड़ा फेंका कि उस की छींटें उस के कपड़ों पर पड़ गईं. वह रो कर कह रहा था, ‘‘आंटीजी, आज मेरा जन्मदिवस है. घर पर मां ने खास खाना बनाया था. इसलिए देर हो गई.’’

मैं बोली, ‘‘भैया, कूड़ा कल ले जाना. आज आप को मैं शुभकामना देती हूं.’’ और मैं ने उसे 100 रुपए दिए और कहा, ‘‘बेटा, खूब तरक्की करो.’’

वह बोला, ‘‘आंटीजी, आप हमेशा खुश रहो.’’ 

नीरा सहगल, शालीमार गार्डन (उ.प्र.)

*

बात 8 वर्ष पहले की है. मेरी रिश्ते की नानी का देहांत हो गया था. सारी क्रियाएं मौसाजी कर रहे थे क्योंकि नानी के कोई बेटा नहीं था. नवीं के नहान के समय मौसाजी ने कहा कि जब सब कार्य मैं कर रहा हूं तो बेटा होने के रिश्ते से मैं एक डुबकी भी लगा लेता हूं. जैसे ही मौसाजी पानी में घुसे, उन का पैर मिट्टी में धंस गया और वे डूब गए. थोड़े दिनों पहले मूर्ति विसर्जन के कारण वहां मिट्टी ही मिट्टी होने के चलते उन्हें खींचा नहीं जा सका.    

नेहा प्रधान, कोटा (राज.)

*

मेरे पड़ोस में एक डाक्टर साहब हैं जो काफी ऊंचे पद पर कार्यरत हैं. उन्हें पंडितों पर बहुत विश्वास है. एक दिन उन्हें किसी पंडित ने बताया कि कल सूर्यग्रहण है जिस का प्रभाव बहुत बुरा पड़ने वाला है. सूर्यग्रहण सुबह साढ़े 7 से साढ़े 8 बजे तक रहेगा. सो, उस बीच आप घर से बाहर मत निकलें व कुछ खाएंपीएं नहीं. ग्रहण के समाप्त होने के बाद ही नहाधो कर कार्य करने के लिए निकलें. दूसरे दिन ग्रहण था. वे घर से बाहर नहीं निकले. कमरे में ही बैठे रहे. इमरजैंसी से फोन पर फोन आ रहे थे कि एक मरीज काफी सीरियस है, आ कर उसे देख लीजिए, परंतु वे अस्पताल नहीं गए. अपने से जूनियर डाक्टर को मरीज को देखने के लिए बोल दिया. ग्रहण समाप्त होने के बाद नहाधो कर अस्पताल पहुंचे. उस मरीज की हालत बहुत नाजुक हो चुकी थी. किसी तरह इंजैक्शन वगैरह दे कर उसे बचाया जा सका. डाक्टर, जिस की एक मिनट की देरी भी मरीज की जिंदगी और मौत का सबब बन सकती है, उस से ऐसा उपेक्षित व्यवहार निश्चित ही निंदनीय है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...