ग्लोबल इन्वैस्टर्स मीट मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का महत्त्वपूर्ण आयोजन होता है जो इस बार भी इंदौर में संपन्न हुआ. इस बार का अतिरिक्त आकर्षण लंगोटधारी कारोबारी बाबा रामदेव थे जो सूटेडबूटेड उद्योगपतियों का मनोरंजन हास्य योग के जरिए करते आकर्षण का केंद्र बने रहे. राजशाही से ले कर लोकतंत्र तक शासक हमेशा ही उद्योगपतियों के मुहताज रहे हैं. उन के पास देने के नाम पर प्रमुख चीज जमीन होती है. बाबा रामदेव को सूबे में फूड प्रोसैसिंग प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार ने 35 एकड़ जमीन देने की घोषणा की तो योगगुरु का पारा चढ़ गया और उन्होंने हास्यास्पद जवाब यह दिया कि इतने एकड़ में तो वे कबड्डी खेलते हैं.

वैसे, कबड्डी खेलने के लिए दस गुणा साढ़े बारह मीटर का मैदान काफी होता है लेकिन रामदेव को और जमीन चाहिए. अब उन्हें कौन याद दिलाए कि सरकार उन पर इतनी मेहरबान है कि उन के उत्पादों को राशन की दुकानों से बेचने का ऐलान भी कर चुकी है और उन की कंपनी पतंजलि के उत्पादों को करों में छूट भी दे रही है.

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