मेरी चचेरी बहन तालेचाबी वाले भैया से अपनी अलमारी का ताला ठीक करवा रही थीं. जीजाजी अंदर बैठे टीवी देख रहे थे. तभी, दीदी ने जीजाजी से कहा कि बच्चों की स्कूल बस आ गई होगी, इसलिए वे उन्हें जा कर ले आएं. जीजाजी बच्चों को लेने चले गए. उन के जाते ही फोन की घंटी बज उठी. दीदी दूसरे कमरे में फोन सुनने चली गईं. थोड़ी देर बाद जब जीजाजी बच्चों को ले कर आए तब देखा कि दीदी अलमारी के पास बैठी रो रही थीं. पूछने पर दीदी ने बताया कि फोन पर बात खत्म कर के वे जैसे ही कमरे में आईं तो अलमारी खुली पड़ी थी और उस के लौकर में से गहने गायब थे. चाबी वाला भैया भी नदारद था.

नेहा कोचर

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हमारी कालोनी के एक पेड़ में मधुमक्खियों का छत्ता लगा था. एक दिन दोपहर साढ़े 12 बजे 3 ग्रामीण महिलाएं और 4 ग्रामीण पुरुषों ने कालोनी के सभी घरों में जा घंटी बजा कर सब को सावधान किया और कहा कि हम लोग छत्ता उतारने के लिए आए हैं. आप सब लोग अपनीअपनी खिड़कियां बंद रखें और जब तक हम न कहें तब तक बाहर न निकलें. एक घंटे बाद वे फिर से सभी कालोनीवासियों के घर एकएक कर के गए और कहा कि हम ने छत्ता हटा दिया है और यह ताजा शहद है. यदि लेना हो, तो ले लीजिए. कालोनीवासियों ने खरीद लिया. उन लोगों के जाने के बाद पता चला कि छत्ता तो अपनी जगह यथावत है और गुड़ की चाशनी को ताजा शहद बता कर वे लोग दिनदहाड़े उन्हें चपत लगा कर चले गए.       

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