लखनऊ में हमारी कालोनी नईनई बसी है. हमारे परिचित ने नया इनवर्टर खरीदा. खरीदने के 2-4 दिनों के बाद ही उस में कुछ खराबी आ गई. उन्होंने जिस दुकान से इनवर्टर खरीदा था उस दुकान में पहुंचे. वे कुछ जल्दी में थे इसलिए दुकान के अंदर न जा कर बाहर से ही अपना मकान नंबर वगैरा लिखवा कर इनवर्टर की शिकायत लिखवा दी और कहा कि मैं 8-9 बजे तक घर पहुंच जाऊंगा.
परंतु किसी कारणवश वे घर जल्दी आ गए. 7 बजे के करीब वे अपने घर के सामने ही एक दोस्त के घर बैठे थे, तो उन की पत्नी का फोन आया कि आइए इनवर्टर वाला आया है. वे जल्दीजल्दी चाय पी कर घर पहुंचे तो पत्नी ने बताया कि इनवर्टर वाला बगल की दुकान में बैटरी ले कर गया है. शायद कोई पेंच नहीं खुल रहा था वह खुलवाने गया है. बगल की दुकान में पूछा तो उन्होंने बताया कि कोई आदमी नहीं आया. इनवर्टर की दुकान पर फोन किया तो पता चला कि उन्होंने तो कोई आदमी भेजा ही नहीं है. कई दिन हो गए हैं, लेकिन बैटरी वाला वापस नहीं आया.
बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ. हुआ यों था कि जब वे दुकान वाले को अपना नामपता बता रहे थे उसी समय दुकान के बाहर दो आदमी मोबाइल पर कुछ कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 9 बजे तक औफिस से वापस आएंगे, बस उसी का फायदा उठा कर वे लोग दिनदहाड़े 6-7 हजार की नई बैटरी का चूना लगा गए. अब तो किसी को भी अपना नामपता बताने से पहले सावधानी बरतनी होगी वरना यह घटना किसी के साथ भी हो सकती है.