चुनावी साल में पंजाब की राजनीति अजीब दौर से गुजर रही है, जहां आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव से कांग्रेस, भाजपा, अकाली दल चिंतित हैं. भाजपा की एक बड़ी चिंता पूर्व क्रिकेटर व नेता नवजोत सिंह सिद्धू थे, इसलिए उन्हें राज्यसभा में नामांकित करा कर भाजपा ने उन से समझौता सा कर लिया है.

बीते दिनों सिद्धू की विधायक पत्नी ने इस्तीफा दे दिया था. इस पर खूब खंडनमंडन हुए लेकिन साबित हो गया कि बगैर सिद्धू के ठहाकों के, पंजाब में भाजपा की दाल नहीं गलने वाली. लिहाजा, रास्ता बीच का निकाला गया. इस के बाद भी भाजपा उन की तरफ से बेफिक्र नहीं हो सकती. वजह, सिद्धू का मूडी होना है यानी चुनाव तक उन्हें बोलने से रोकना किसी चुनौती से कम नहीं.

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