योगगुरु रामदेव का यह भ्रम टूट गया है कि वैदिक काल के ऋषिमुनियों की तरह वे सत्ता चलाने में दिशानिर्देश वगैरह देंगे. और भाजपा सरकार उन पर अमल करेगी. 2 साल से हल्ला मचा कर भाजपा के पक्ष में माहौल बना रहे योगगुरु आज हाशिए से भी बदतर जगह पर हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली जब स्विस बैंक के खाताधारकों की सूची की बात कर रहे थे तब कइयों को रामदेव की याद आई कि मूलत: यह आइडिया था तो उन्हीं का जो कहते रहे थे कि कालाधन वापस आ जाए तो दरिद्रता दूर हो जाएगी. दिलचस्प बात, रामदेव की दुर्गति और अनदेखी है जिन्हें अरुण जेटली वापस हरिद्वार छोड़ आए थे और विदाई के उपहार में गांधी की उपाधि से नवाज कर हिसाब चुकता कर दिया गया था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...