दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी नजीब जंग की हाहाकारी जंग का असर अब तमिलनाडु में भी दिखाई दे रहा है जहां के राज्यपाल सी.एम. विद्यासागर ने तमिलनाडु के 2 वरिष्ठ मंत्रियों और मुख्य सचिव को बुला कर यह पूछा कि यहां आखिरकार सरकार कौन चला रहा है, कौन आदेश जारी कर रहा है और राज्य में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने जैसे हालात तो नहीं हैं. भाजपा के सुब्रह्मणयम स्वामी ने तो वहां राष्ट्रपति शासन लगाने तक की मांग कर डाली.

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की बीमारी को ले कर खासा बवाल मच चुका था. ऐसे में विद्यासागर को राज्य की चिंता और अपने ‘हक’ याद आ गए तो बात कतई हैरत की नहीं. यह जताने में वे कामयाब रहे कि राज्यपाल आखिर कोई नुमाइशभर का पद नहीं है. लेकिन वे यह भूल गए कि जयललिता का रसूख अस्पताल में भरती हो जाने से कम नहीं हुआ है, वहां उन के चहेतों, चाटुकारों की भरमार है और तमिलनाडु तमिलनाडु है, दिल्ली नहीं. हालांकि अब वित्त मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री जयललिता के सभी विभाग सौंप दिए गए हैं ताकि शासन का कार्य सुचारु रूप से चलता रहे.

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