घरेलू पकवान गुझिया का नाम लेते ही मैदे और मावा से तैयार गुझिया याद आ जाती है. होली के त्योहार पर यह पूरे देश में खाई और पसंद की जाती है. अब इस को चाशनी में डुबा कर खाने का रिवाज भी बढ़ता जा रहा है.  पूरे साल बिकने वाली गुझिया में केसरकाजू गुझिया का नाम सब से खास है. केसरकाजू गुझिया काजू, चीनी और केसर से तैयार की जाती है. सब से अच्छी बात यह है कि यह केसरकाजू गुझिया साल भर मिठाई की दुकानों में मिल जाती है. 600 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से शुरू होने वाली यह गुझिया जाड़े के त्योहारी सीजन में बहुत पसंद की जाती है. इस का कारण यह है कि इस में पड़ा मेवा जाड़ों में शरीर को ताकत देता है. इस से शरीर मजबूत होता है. मैदे और मावे से तैयार होने वाली गुझिया ज्यादा मीठी होती है, लिहाजा बहुत लोग इस को पसंद नहीं करते. केसरकाजू गुझिया में चीनी की मात्रा बहुत कम होती है, लिहाजा इसे सभी पसंद करते हैं. यह ज्यादा दिनों तक चलती है. ऐसे में इस को बहुत पसंद किया जाता है.

मिठाई कारोबार से जुड़े  प्रशांत कुमार कहते हैं कि केसरकाजू गुझिया देखने में गुझिया के आकार की होती है. इस कारण इस को गुझिया नाम से जाना जाता है. यह साधारण गुझिया से पूरी तरह से अलग मेवे की मिठाई है. बाजार में मैदे और मावे की गुझिया केवल होली के मौके पर बिकती है. केसरकाजू गुझिया पूरे साल बिकने लगी है. खाने की शौकीन स्वाति दीक्षित कहती हैं, ‘मुझे सामान्य गुझिया की जगह पर केसरकाजू गुझिया ज्यादा पसंद आती है. यह नए जमाने के लोगों को खूब पसंद आ रही है.’

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