डोकलाम विवाद के बाद भारत में चीन विरोधी भावनाओं की वजह से दोनों कंपनियां मैनेजमेंट में बदलाव कर रही हैं. खासतौर पर उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में यह उबाल काफी ज्यादा है. महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों से कर्मचारियों को वापस बुलाया गया है. इस विवाद के बाद जुलाई और अगस्त में दोनों कंपनियों की बिक्री में तेजी से गिरावट आई थी. जिसकी वजह से ओपो और वीवो में काम करने वाले 400 से अधिक चीन के नागरिक अब अपने देश की ओर लौट रहे हैं.

ओपो और वीवो हैंडसेट ब्रांड्स के तीन दर्जन डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों से ज्यादातर लोग वापस अपने देश गए हैं. इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव्स का कहना है कि पिछले साल के दो महीने जुलाई और अगस्त में सेल्स में 30 प्रतिशत की गिरावट आई थी. जिसकी वजह से इन लोगों को वापस बुलाया गया है. इसकी खास वजह नान-परफार्मेंस है. इसकी एक वजह यह बताई जा रही है कि चीन के नागरिकों को भारत में कम अवधि का वीजा मिल रहा है. कहा जा रहा है कि डोकलाम विवाद के सुलह होने के बाद इनमें से कुछ एंप्लायीज वापस भारत आ सकते हैं.

इस महीने कंपनी के चीफ मार्केटिंग आफिसर विवेक झांग भी अपने देश चीन वापस लौट गए. ये भारत में काम करने वाले सबसे हाई प्रोफाइल नागरिक में से एक हैं. इन्होंने आईपीएल की टाइटल स्पौन्सरशिप की डील की बातचीत में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई थी.

ओपो के प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत सरकार के नियम कायदों के मुताबिक काम कर रहें हैं और बाजार की अफवाहों से प्रभावित नहीं होते हैं. 2017 में हमारी ग्रोथ शानदार रही है और यह साल ओपो इंडिया के लिए एक शानदार साल साबित हुआ है. इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी यहां हमेशा बेस्ट कैमरा फोन, सेल्फी फोकस्ड स्मार्टफोन नौजवानों लोगों को बेचती रहेगी.

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