भारतीय शेयर बाजार ने यूनान समझौते को हाथोंहाथ लिया. चौतरफा खरीदारी से बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई का सूचकांक13 जुलाई को 300 अंक चढ़ कर 27,961 पर बंद हुआ. निफ्टी 99 अंकों की बढ़त के साथ 8,460 पर बंद हुआ. इस से पहले पिछले पखवाड़े में मानसून के कमजोर रहने के पूर्वानुमान का बाजार पर बड़ा नकारात्मक असर रहा. सरकार ने भी कमजोर मानसून से निबटने की रणनीति तैयार कर के सभी को डरा दिया था. हालांकि बाद में मानसून अच्छा रहने की खबर आई और बाजार में निवेशकों का उत्साह बढ़ा. जुलाई की शुरुआत के पहले दिन सूचकांक ढाई माह बाद 28 हजार अंक के पार पहुंचा जिस से निवेशकों का भरोसा बढ़ा. इस का असर उस दिन रुपए पर भी पड़ा और रुपया लंबी छलांग लगाते हुए एकदिवसीय कारोबार में 29 पैसे मजबूत हुआ. भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़े अच्छे रहने और विकास दर बढ़ने के विदेशी एजेंसियों के अनुमान के साथ ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उन की जरूरत के अनुसार निधि उपलब्ध कराने की घोषणा की, जिस का बाजार पर अच्छा असर देखने को मिला. बाजार में तेजी का यह रुख जून के दूसरे पखवाड़े में लौट आया था, जो जुलाई में भी जारी है. हालांकि बीच में सूचकांक में थोड़ी सी गिरावट आई थी.

 

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