नए साल के पहले माह के दौरान बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई में गिरावट का रुझान फरवरी में भी जारी रहा और महीने के पहले 12 दिनों के दौरान बाजार ने बड़ी गिरावट का रुख किया और सूचकांक 11 महीने के निचले स्तर पर चला गया. इस से पहले 12 जनवरी को सूचकांक 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया था.

जनवरी के आखिरी सप्ताह में बाजार में हलकी रौनक रही लेकिन फरवरी के पहले 3 कारोबारी दिनों में बाजार टूट गया जिस से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. हालांकि चौथे दिन जापान में अप्रत्याशित स्तर पर की गई ब्याज दरों में कटौती, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी, अमेरिकी फैडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने तथा वित्त मंत्री अरुण जेटली के अर्थव्यवस्था में तेजी रहने संबंधी बयान का बाजार पर थोड़ा सा सकारात्मक असर हुआ और सूचकांक में तेजी दर्ज की गई. वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथलपुथल के चलते घरेलू बाजार में आई नरमी पर सरकार चौंकन्ना है. केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने इस उथलपुथल के असर को रोकने के लिए कदम उठाने का भरोसा दिया है. आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि आगामी बजट और शेष दुनिया में गहराती आर्थिक नरमी के कारण आगे की राह आशंकाओं भरी है.

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