ग्रॉसरी और रोजमर्रा के उपयोग के दूसरे सामान खरीदने वालों को इस त्योहारी तिमाही में पिछले दो साल के मुकाबले 10-15 प्रतिशत कम दाम पर खरीदारी करने का मौका मिल सकता है. नवंबर 2016 में नोटबंदी और पिछले साल जुलाई में जीएसटी लागू होने के कारण लगातार दो साल दिसंबर क्वॉर्टर में सुस्ती का सामना कर चुकी कंपनियां इस बार प्राइसिंग ऑफर और प्रमोशनल स्कीमों के जरिए उपभोक्ताओं को लुभाने की तैयारी कर रही हैं.

ITC के डिविजनल चीफ (फूड्स) हेमंत मलिक के अनुसार, 'हम अपने सभी ब्रांड्स के दाम इस फेस्टिव सीजन में आकर्षक स्तर पर रखेंगे. कंज्यूमर्स को ऐसे स्पेशल ऑप्शंस में वैल्यू दिखती है. हमें डिमांड पिछले साल से बेहतर रहने की उम्मीद है.' होलसेलर मेट्रो कैश एंड कैरी ऐसे डिस्काउंट्स ऑफर करेगी, जिसे किराना स्टोर अपने ग्राहकों को दे सकें. इसके चीफ एग्जिक्यूटिव अरविंद मेदीरत्ता ने कहा, 'आगामी त्योहारी तिमाही दो साल बाद पहली ऐसी तिमाही होगी, जिसमें नोटबंदी या जीएसटी का कोई असर नहीं दिखेगा. हमें जोरदार बिक्री की उम्मीद है.'

पारले प्रॉडक्ट्स के कैटेगरी हेड (बिस्किट्स एंड स्नैक्स) मयंक शाह ने कहा, 'हम इस फेस्टिव क्वॉर्टर में ऑर्गनाइज्ड ट्रेड, किनारा स्टोर्स और कंज्यूमर्स के लिए कई प्राइसिंग प्वाइंट्स और पैक्स बना रहे हैं. हालांकि हम यह ध्यान भी रख रहे हैं कि अपने किसी भी ट्रेड चैनल में मौजूदा समीकरण न बिगड़ें.' रिटेल इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स ने कहा कि दिसंबर क्वॉर्टर में कई लॉन्च होने वाले हैं.

कंसल्टिंग और ऑडिट फर्म डेलॉयट इंडिया के पार्टनर अनिल तलरेजा ने कहा, 'इंडस्ट्री नोटबंदी के असर से पूरी तरह और जीएसटी के असर से काफी हद तक उबर चुकी है. लिहाजा हमें इस फेस्टिव सीजन में डिस्काउंट ज्यादा रहने की उम्मीद है. हालांकि इसी दौरान कॉम्पिटीटिव डिस्काउंटिंग के कारण हमें ट्रेड चैनलों पर कुछ असर पड़ने की भी आशंका है.'मार्केट रिसर्चर नीलसन ने पिछले महीने अनुमान दिया था कि फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेक्टर कैलेंडर ईयर 2018 में 12-13 प्रतिशत बढ़ेगा.

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