आने वाला वक्त तकनीक का होगा. बैंकिंग सेवाएं तकनीक के हवाले हो रही हैं. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि 2020 तक बैंक शाखाएं समाप्त हो जाएंगी क्योंकि ग्राहकों को सभी तरह की बैंकिंग सेवाएं तकनीक के जरिए मोबाइल व इंटरनेट पर ही मिलने लगेंगी. ऐसे में बैंक शाखाएं तो बंद हो ही जाएंगी, डाटा एनालिटिक्स और डिजिटल बैंकिंग में आगे न बढ़ने वाले बैंकों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.

दो दिवसीय इंक्लुसिव फाइनेंस इंडिया सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर अमिताभ कांत ने कहा, ‘मेरे विचार से 2020 का वर्ष होगा. शाखाओं के दम पर काम करने वाले बैंक अगर डिजिटल माध्यम को अपनाने में पिछड़ गए तो खत्म हो जाएंगे. केवल दो साल का इंतजार है. उस समय तक हर व्यक्ति औनलाइन बैंकिंग को अपना चुका होगा.’ ऐसे में बैंक शाखाएं तो अप्रासंगिक हो ही जाएंगी, तकनीक में मजबूत बैंक ही प्रतिस्पर्धा में टिक पाएंगे.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि जीएसटी, ई-मंडी, पेमेंट बैंक, पीओएस मशीनें और डीबीटी जैसी विभिन्न सरकारी पहल इस दिशा में कारक बनेंगी. फीचर फोन के दिन लद जाएंगे. स्मार्टफोन की कीमत जिस तरह से गिर रही है, भारत में हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन होगा. 2020 तक एक अरब लोग इंटरनेट से जुड़ चुके होंगे. यह स्थिति वित्तीय समावेश बढ़ाने और लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में सहायक बनेगी.

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