अक्सर नौकरीपेशा लोगों के पास बैंकों की ओर से क्रेडिट कार्ड लेने के औफर्स आते रहते हैं. कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले आकर्षक औफर्स के कारण अक्सर लोग काफी सारे क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं और उनका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं. ऐसे में लोग इन कार्ड का इस्तेमाल तो आसानी से कर लेते हैं लेकिन बिल के भुगतान में लेट-लतीफी करते हैं जिससे उनका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है. हालांकि अगर आप दो या तीन बैंकों से क्रेडिट कार्ड लेकर यूज कर रहे हैं और उसका पेमेंट एकमुश्त या किश्तों में समय-समय पर कर रहे हैं तो यह भविष्य में आपके बैंक लोन के लिए बेहतर होगा.

सिबिल स्कोर के बारे में जानिए?

सिबिल स्कोर से पता चलता है कि आपने पहले कितना लोन ले रखा है और उसका भुगतान समय पर किया है या नहीं. बैंक कोई भी कर्ज देने से पहले आपका सिबिल स्कोर चेक करते हैं. आपको क्रेडिट कार्ड देने के पहले भी सिबिल स्कोर चेक किया जाता है. अगर आपने नियमित कर्ज चुकाया है तो आपका सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है. जितना अच्छा सिबिल स्कोर होता है, उतनी ही आसानी से कर्ज मिलता है. सिबिल स्कोर को 24 महीने की क्रेडिट हिस्ट्री के हिसाब से तैयार किया जाता है.

अगर आपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान देरी से किया है या आपका ईएमआई बाउंस हो गया है तो आपको डिफाल्टर घोषित किया जा सकता है जिससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

आपके नाम पर क्रेडिट खातों की संख्या

समय पर कर्ज चुकाने को लेकर 30 फीसद सिबिल स्कोर बनता है. इसलिए आपको अपने क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट और बकाया रकम को कम रखना चाहिए और क्रेडिट कार्ड से ज्यादा लोन नहीं लेना चाहिए. आपको होम लोन, औटो लोन जैसे सिक्योर्ड लोन को ज्यादा महत्व देना चाहिए और अनसिक्योर्ड लोन से बचना चाहिए. बता दें कि सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन पर 25 फीसद सिबिल स्कोर बनता है.

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