पेट्रोलियम मंत्रालय ऐसी गैस एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, जो उपभोक्ताओं के घर तक सिलेंडर पहुंचाए बिना भी डिलीवरी चार्ज वसूली करती हैं. मंत्रालय इन पर भारी जुर्माना लगाने के साथ ही आवंटन रद्द करने पर विचार कर रहा है.

दरअसल, एलपीजी सिलेंडर का आवंटन करने वाली गैस एजेंसियां आपके घर तक इसे पहुंचाने के लिए डिलीवरी चार्ज भी लेती हैं. अगर आपने एजेंसी या गोदाम पर जाकर सिलेंडर लिया है तो एजेंसी को यह चार्ज लौटाना होगा, लेकिन अधिकतर एजेंसियां ऐसा नहीं करती हैं. इसके खिलाफ बढ़ती शिकायतों को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसी एजेंसी के खिलाफ घर तक सिलेंडर नहीं पहुंचाने के बावजूद डिलीवरी चार्ज लेने की शिकायत मिलती है तो उसका लाइसेंस तक रद्द हो सकता है. घरेलू एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन के अनुसार, जो उपभोक्ता डिस्ट्रीब्यूटर के परिसर (एजेंसी या गोदाम) से सिलेंडर लेते हैं, उनसे डिलीवरी चार्ज नहीं ले सकते. अगर कोई एजेंसी चार्ज लेती है, तो उस पर एलपीजी मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइन के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

सिलेंडर में जुड़ा होता है दाम

गैस सिलेंडर की कीमत में होम डिलीवरी का चार्ज भी पहले से शामिल होता है. लिहाजा जब आप एलपीजी सिलेंडर गैस एजेंसी के दफ्तर या गोदाम से खुद जाकर लेते हैं तो आपको सिलेंडर की कुल कीमत से करीब 20 रुपये कम चुकाने पड़ेंगे. लेकिन सभी गैस एजेंसियां खुद आकर सिलेंडर लेने वाले से भी यह चार्ज वसूल रही हैं.

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