खाद्य पदार्थों के उत्पादन में सब से ज्यादा शुद्धता का दावा बाबाओं की कंपनियों के उत्पाद में किया जा रहा है. इस तरह के उत्पाद का दावा सब से ज्यादा रामदेव की कंपनी पंतजलि योगपीठ में हो रहा है. उन के उत्पाद के मानकों पर सवाल उठ भी रहे हैं लेकिन रामदेव उन सवालों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों की साजिश बता कर खारिज कर रहे हैं.

रामदेव, जिन्हें कुछ लोग बाबा रामदेव कहते हैं, के उत्पादों को टक्कर देने के लिए हरियाणा के सिरसा में एक अन्य बाबा गुरमीत रामरहीम ने एमएसजी नाम से अपने उत्पाद शुरू किए हैं. उन की कंपनी में 100 से ज्यादा उत्पाद तैयार हो रहे हैं और उन का दावा है कि एमएसजी के उत्पाद सब से ज्यादा शुद्ध हैं. एमएसजी मतलब मस्ताना सतनाम गुरमीत, जो फिल्मी दुनिया में भी हाथ आजमा चुके हैं, का दावा है कि उन के 5 करोड़ से ज्यादा समर्थक हैं और वे ही उन की कंपनी के उत्पादों के सब से बड़े ग्राहक हैं. इस से पहले इसी तरह का दावा यौन शोषण के आरोप में दोढाई साल से जेल की हवा खा रहे आसाराम भी किया करते थे. करोड़ों समर्थक होने का दावा करने वाले आसाराम खुद कई उत्पाद बाजार में बेच रहे थे. इन बाबाओं का अरबों रुपयों का कारोबार है. रामदेव अकूत संपत्ति के मालिक हैं तो रामरहीम भी धनकुबेर हैं और अब दोनों के बीच आध्यात्मिक चेतना जगाने के बजाय औद्योगिक विकास को ले कर स्पर्द्धा है.

पतंजलि का खेल राष्ट्रीय स्तर का हो चुका है जबकि एमएसजी अभी शुरुआती दौर में है. दोनों तथाकथित बाबाओं ने जनता का पैसा लूट कर उद्योग खड़े किए हैं. उन की परंपरा औद्योगिक घरानों की नहीं है. पैसे वाला जोगी नहीं बनता है लेकिन अब जोगी की परिभाषा बदल गई है. जोगी बनिए और बिना परिश्रम के पैसा अर्जित कर के उद्योगपति बन जाइए.

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