बैंक में अब से बड़े लेनदेन के लिए पहले की तरह सिर्फ फोटोकापी दिखाने से काम नहीं चलेगा. अब से आपको ऐसे किसा भी लेनदेन के लिए मूल दस्तावेजों को दिखाना जरूरी होगा. अब से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को एक निश्चित सीमा से अधिक का लेनदेन करने पर लोगों को उनका मूल पहचान दस्तावेजों को उनकी प्रतिलिपियों के साथ मिलाना आनश्यक होगा.

बैंको मे मूल दस्तावेज दिखाने का मकसद है जाली या धोखाधड़ी कर बनाए गए दस्तावेजों के इस्तेमाल की संभावना को खत्म करना. अब प्रत्येक (पीएमएलए में शेयर ब्रोकर, चिट फंड कंपनियां, सहकारी बैंक, आवास वित्त संस्थान और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) रिपोर्टिंग इकाई को किसी के साथ खाता आधारित संबंध शुरू करते समय अपने ग्राहकों और उनकी पहचान का सत्यापन करना आवश्यक है. उन्हें अपने ग्राहकों से कारोबारी संबंध के मकसद और प्रकृति के बारे में भी आवश्यक तौर पर सूचना हासिल करनी होगी.

अगर आधिकारिक रूप से दिए गए वैध दस्तावेज में नया पता शामिल नहीं है तो टेलीफोन बिल, पोस्ट पे मोबाइल बिल, पाइप गैस का बिल या बिजली का बिल पते के प्रमाण के रूप में दिया जा सकता है. हालांकि ये बिल दो महीने से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए. इनके अलावा संपत्ति या नगरपालिका कर की रसीद, पेंशन या रिटायर कर्मचारियों को सरकारी विभागों से जारी परिवार पेंशन भुगतान का आदेश, या नियोक्ता से मिला आवास के आवंटन का पत्र भी नए पते के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है.

यहां मूल दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी-

खाता खोलने या 50,000 रुपये से अधिक का लेनदेन करने वालों से बायोमीट्रिक पहचान नंबर (आधार) और अन्य आधिकारिक दस्तावेज लेना जरूरी है.

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