औनलाइन शौपिंग के इतिहास में 6 अक्तूबर, 2014 ऐतिहासिक दिन के रूप में जाना जाता है. इस दिन फ्लिपकार्ट ने 3 दिनों के लिए ‘बिग बिलियन डे’ के रूप में मेगा सेल की शुरुआत की, जिस में स्मार्ट फोन से ले कर टैबलेट तक, परफ्यूम से ले कर किचन ऐप्लायंसेज तक, कपड़ों से ले कर जूतों तक और इलैक्ट्रौनिक्स सामान की खरीदारी पर भारी छूट दी गई. महज 3 दिनों में फ्लिपकार्ट ने इतना बड़ा कारोबार किया कि यह खुदरा कारोबार के लिए चुनौती बन गया और 6 अक्तूबर के दिन तो फ्लिपकार्ट ने 700 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया.

सफलता की ओर

हालांकि इन 3 दिनों में खरीदारों की शिकायतें भी कम दर्ज नहीं हुईं. खरीदारी शुरू होने के कुछ घंटों में ही इतने बड़े पैमाने पर खरीदारी के लिए साइट में भीड़ लगी कि साइट स्लो हो गई. यही नहीं, शिकायत तो यह भी दर्ज हुई कि साइट पर छूट दिखाए जाने के बावजूद छूट नहीं मिली, उलटे अधिक कीमत देनी पड़ी. फ्लिपकार्ट ने इस तरह की गड़बड़ी की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि उम्मीद से कहीं बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के लौग इन होने से यह दिक्कत पेश आई.

बहरहाल, औनलाइन शौपिंग के इस कदर सफल होने की उम्मीद किसी को नहीं थी. 6 अक्तूबर ने मार्केट के बड़ेबडे़ विशेषज्ञों को चौंका दिया. अब तो खुदरा विक्रेताओं से ले कर बड़ेबड़े शौपिंग मौल्स को अपने कारोबार को बचाए रखने की चिंता सताने लगी है.

इंडियन रिटेल सेल्स सर्च इन फैस्टिव सीजन के नाम से किए गए सर्वे की मानें तो इस फैस्टिव सीजन के पहले चरण में शौपिंग मौल्स को बड़ा नुकसान हुआ. इन की बिक्री में 50 से 55 फीसदी की कमी आई. यह सर्वेक्षण कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, देहरादून और चंडीगढ़ जैसे शहरों में किया गया.

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