स्टीव जौब्स ने अपना काम गैरेज से क्यों शुरू किया, इस का एक कारण यह था कि उन के पास शुरुआती निवेश के लिए बहुत सा धन नहीं था और दूसरा, तब कोवर्किंग हब विकसित नहीं थे. नव उद्यमियों के नए कारोबार या स्टार्ट्सअप को साधारण सा औफिस नहीं, बल्कि चाहिए अपने लिए एक उत्पादक ख्वाबगाह जहां वे जागते हुए अपने सपने पूरे कर सकें. यही जरूरत कोवर्किंग केंद्र नामक इस कामकाजी नवाचार की जननी है.

4-5 साल पहले शुरू हुआ कोवर्किंग हब का चलन उफान पर है. कोवर्किंग मतलब खुद का औफिस बनाने के झंझट के बजाय किसी कार्यालय समूह में अपनी जरूरत के मुताबिक बनाबनाया औफिस किराए पर ले कर काम करना. आप अपना काम शुरू करना चाहते हैं, पर ऐसी कोई जगह नजर नहीं आती जहां आप और आप के साथीसहयोगी बैठ कर कामकाज के शानदार माहौल में उत्पादक कार्य कर सकें. आप के पास ज्यादा पूंजी भी नहीं है या फिर शुरुआती दौर में ही महज कार्यालय स्थापित करने के चक्कर में अपनी पूंजी का ज्यादा हिस्सा नहीं लगाना चाहते. बहुत से ऐसे संसाधन हैं जिन की जरूरत कभीकभी ही पड़ेगी पर पास में होने चाहिए, आप उस में अभी पैसा नहीं लगाना चाहते. कई बार ऐसा भी होता है कि संबंधित काम के लिए किसी बड़े तामझाम वाले औफिस के बजाय किसी एक ऐसे कोने की ही जरूरत होती है जो सुविधासंपन्न हो और निजता तथा एकांत के साथ कामकाजी माहौल भी देता हो. ऐसी दशा में कोवर्किंग हब आप के लिए बेहतर विकल्प है.

अब मारजित को ही लीजिए, ये महाशय 3 विदेशी प्रकाशकों से जुड़े हुए हैं. उन की किताबों का संपादन करते हैं, साथ ही, लेखन व संपादन से जुड़े कुछ और काम भी इन के पास हैं. मारजित यह काम घर से भी कर सकते हैं पर उन्होंने एक सीट वाला औफिस केबिन किराए पर ले रखा है, वह भी हफ्ते में 4 दिनों के लिए, रोज 5-6 घंटे वे यहीं काम करते हैं.

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