सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को मार्च, 2016 में समाप्त वित्त वर्ष में 1,396.37 करोड़ रुपए का एकीकृत नुकसान हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने 666.06 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था. डूबे कर्ज के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से बैंक को घाटा हुआ है.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष के दौरान उसकी कुल आय भी घटकर 27,932.13 करोड़ रुपए पर आ गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 28,376.37 करोड़ रुपए रही थी. सेंट्रल बैंक ने 2015-16 की आखिरी तिमाही के आंकड़े नहीं दिए हैं.

संपत्ति के मोर्चे पर बैंक ने कहा कि मार्च, 2016 को उसका कुल ऋण पर सकल गैर निष्पादित आस्तियां 11.95 फीसदी पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 6.09 फीसदी थीं. वित्त वर्ष के दौरान बैंक का कुल डूबा कर्ज 22,720.88 करोड़ रुपए रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 11,873.06 करोड़ रुपए रहा था. वित्त वर्ष के दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए बढ़कर 7.36 फीसदी या 13,241.80 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 3.61 फीसदी या 6,807.45 करोड़ रुपए था.

केनरा बैंक को 3,905 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा

फंसे हुए कर्ज बढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक को चौथी तिमाही में 3,905.49 करोड़ रुपए का एकल शुद्ध घाटा हुआ. पूर्व वित्त वर्ष 2014-15 की इसी तिमाही में बैंक को 612.96 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था.

बैंक ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आय घटकर 12,116.14 करोड़ रुपए रह गई, जो पिछले साल इसी अवधि में 12,429.21 करोड़ रुपए थी. जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़कर 9.4 फीसदी रही जो गत वित्त वर्ष की इसी अवधि में 3.89 फीसदी रही थीं.

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